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महाशिवरात्रि पर उज्जैन में अनूठा रिसेप्शन …घर-घर निमंत्रण
उज्जैन. महाशिवरात्रि पर शिव-पार्वती विवाह के बाद उज्जैन में रिसेप्शन की अनूठी परंपरा है। यह आयोजन शयन आरती भक्त परिवार द्वारा किया जाता है। २७ फरवरी को होने वाले रिसेप्शन में ५६ भोग की प्रसादी के लिए ५० हजार से अधिक भक्त जुटेंगे। महाकाल व चिंतामण गणेश मंदिर पर रिसेप्शन की पत्रिका चढ़ाकर अब घर-घर जाकर भक्तों को निमंत्रण दिया जा रहा है।
महाशिवरात्रि पर विवाह के बाद महाकाल की नगरी अब २७ फरवरी को होने वाले रिसेप्शन की तैयारी चल रही है। 50 हजार लोगों का भोजन प्रसाद बनेगा। रिसेप्शन से पहले भूत-प्रेत मंडली के साथ शहर में अनूठी बारात निकलेगी। देर शाम से आधी रात तक रिसेप्शन में भोजन प्रसादी होगी। इसमें आम और खास भक्त शामिल होंगे।
रुद्रसागर से बारात
महाकाल शयन आरती भक्त परिवार के महेंद्र कटियार के अनुसार रिसेप्शन के पहले सुबह नगरकोट से बारात निकलेगी। समारोह स्थल पर इत्र व गुलाब की पंखुडिय़ों से बारात का स्वागत होगा। रुद्रसागर के पास मैदान में रिसेप्शन होगा।
५६ प्रकार के पकवान
रिसेप्शन के लिए क्विंटलों से भोजन प्रसादी बनेंगी। इसमें पूरी-सब्जी, दाल-चावल, भजिए-पापड़, हलवा सहित 56 प्रकार के पकवान बनाए जाएंगे। इनको बनाने के लिए तीन दिन पहले से हलवाई जुटेंगे।
महाकाल की आरतियों का समय २ मार्च से बदलेगा
महाकालेश्वर में होने वाली नियमित आरतियों का समय २ मार्च से बदलेगा। भस्म आरती एवं शयन आरती अपने निर्धारित समय पर ही होगी। चैत्र कृष्ण प्रतिपदा से महाकाल की आरतियों के समय में परम्परानुसार परिवर्तन होता है। इस क्रम में २ मार्च ज्योर्तिलिंग महाकालेश्वर भगवान की आरतियों के समय में परिवर्तन होगा। यह आश्विन पूर्णिमा तक रहेगा। पहली होली महाकाल मंदिर के आंगन में
फाल्गुन पूर्णिमा पर १ मार्च को शहरभर में होलिका दहन होगा। सबसे पहले बाबा महाकाल के आंगन में होली जलेगी। राजाधिराज महाकाल के दरबार से सभी पर्व की शुरुआत होती है। इसी क्रम में सबसे पहले महाकाल मंदिर के आंगन में विधि-विधान से पूजन के बाद होली का दहन होगा।
यह होगा आरतियों को समय
प्रथम भस्मआरती प्रात: ०4.00 से 06.00 बजे तक
द्वितीय दद्योदक आरती प्रात: 07 से 07.45 बजे तक
तृतीय भोग आरती प्रात: 10 से 10.45 बजे तक
चतुर्थ संध्याकालीन पूजन सायं 05 से 05.45 बजे तक
पंचम संध्या आरती सायं 07 से 07.45 बजे तक
शयन आरती रात्रि 10.30 से 11.00 बजे तक
भस्मआरती एवं शयन आरती निर्धारित समय पर ही होगी
ठंडे जल से स्नान करेंगे बाबा महाकाल
ऋतु परिवर्तन के साथ राजाधिराज महाकाल की दैनिक गतिविधियों में बदलाव होता है। बाबा महाकाल ६ माह गर्म और ६ माह ठंड़ेे जल से स्नान करते है। इस क्रम में चैत्र कृष्ण प्रतिपदा २ मार्च से बाबा महाकाल का ठंडे जल से स्नान प्रारंभ होगा। यह सिलसिला कार्तिक मास की चौदस चलेगा।